नई दिल्ली
देश में कोरोना के बढ़ते मामले का असर सोमवार को शेयर बाजारों पर देखने को मिला। निवेशकों के बीच घबराहट बढ़ने से सेंसेक्स 1145 अंक लुढ़ककर 50 हजार अंक से नीचे 49744 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 306 अंक फिसल कर 14675.70 अंक पर आ गया।
आनंद राठी के इक्विटी शोध (बुनियादी) प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, एशियाई बाजारों के मिलेजुले रुख के बीच भारतीय बाजार भी स्थिर रुख के साथ खुले। हालांकि, दोपहर के कारोबार में बाजार नीचे आए। कोविड-19 के मामले बढ़ने की चिंता तथा इसका आर्थिक प्रभाव पूर्व के अनुमान से कहीं अधिक रहने की आशंका से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। इसके चलते बाजार में बिकवाली हावी हो गया। वैश्विक स्तर से मिले नकारात्मक संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर आईटी, ऊर्जा ,मेटल, टेक रियलिटी ,ऑटो आदि समूहों में हुई भारी मुनाफा वसूली से बाजार में बड़ी गिरावट आई।
बाजार में लगातार पांच दिन की गिरावट से निवेशकों को पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। 16 फरवरी को बाजार बंद होने पर बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 2,05,80,302 करोड़ था जो 22 फरवरी को घटकर 2,00,26,498 करोड़ रह गया। इस तरह निवेशकों को पांच दिन में 553,804 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को 434.93 अंक लुढ़क गया। शुक्रवार को सेंसेक्स 50,889.76 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी भी 137 अंक गिरकर 14,981.75 के स्तर पर बंद हुआ। आज NIFTY NEXT 50 में 470.25 अंक, मिडकैप 50 में 2.30%, निफ्टी बैंक में 2.04% और NIFTY FINANCIAL SERVICES इंडेक्स भी 1.49% नुकसान के साथ बंद हुआ।