MP:माफिया से मुक्त 21 हजार एकड़ जमीन गरीबों में बंटेगी-शिवराज

भोपाल(Jan prachar.com)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करोड़ों रुपए मूल्य की करीब 21 हजार एकड़ जमीन भू-माफिया के कब्जे से मुक्त कराई गई। इसे आवासहीन गरीबों में बांटा जाएगा,ताकि वे भी अपना आशियाना बना सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चौहान ने मंत्रिमंडल सदस्यों से कहा कि वे अपने प्रभार वाले जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरतें।

मुख्यमंत्री ने यह बात मंगलवार को कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में कही। चौहान ने कहा कि प्रदेश में अपराधियों के विरुद्ध हुई कार्रवाई में अब तक 21 हजार एकड़ से अधिक भूमि मुक्त कराई गई है। इस जमीन का उपयोग मूलत: गरीबों को बाँट कर उनके आवास बनाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां आवश्यकता होगी वहाँ अस्पताल, स्कूल और आँगनवाड़ी बनाने तथा अन्य शासकीय कार्यों के लिए भी इस भूमि का उपयोग किया जाएगा।

बैठक में अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही का प्रस्तुतिकरण भी हुआ। इसमें बताया गया कि बीते दो साल के दौरान 15 हजार 397 एकड़ सरकारी व 6105 एकड़ निजी एवं अन्य शासकीय भूमि मुक्त कराई गई, अतिक्रमण मुक्त सरकारी भूमि का मूल्य ही 11 हजार 941 करोड़ रूपए है। बीते एक साल के दौरान भू- माफि या के विरूद्ध 4 हजार 495 प्रकरण दर्ज किए गए। इस अवधि में 9 हजार 896 अवैध अतिक्रमण तोड़े गए, 188 व्यक्तियों के विरूद्ध एनएसए में कार्यवाही की गई तथा 498 को जिला बदर किया गया।

उन्माद फैलाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा
उन्होंने कहा कि प्रदेश में रामनवमी का त्योहार, उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया, परंतु असामाजिक तत्वों द्वारा खरगोन और सेंधवा में अशांति फैलाने की कोशिश की गई। राज्य सरकार ने दोनों घटनाओं को बहुत गंभीरता से लिया है। चौहान ने कहा कि अशांति फैलाने वालों के विरुद्ध सख्ती बरती जाएगी, किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। गुंडों और दंगाइयों के विरुद्ध कारवाई जारी है। उन्होंने कहा कि मैं अपने प्रदेश में किसी भी कीमत पर अशांति नहीं होने दूँगा। कोई भी हो, ऐसी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। प्रदेश में दंगे भड़काने की कोशिश करना अक्षम्य अपराध है। मध्यप्रदेश शांति का टापू है और प्रदेश का यह स्वरूप बनाए रखा जाएगा।
सौहार्द कायम रखने करें चर्चा
मुख्यमंत्री ने मंत्रि-परिषद सदस्यों से कहा कि वे अपने-अपने प्रभार के जिलों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए परस्पर चर्चा करें। कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रहे, आने वाले त्योहार निर्विघ्न सम्पन्न हों, यह सुनिश्चित किया जाए। शांति समिति की बैठकें आयोजित की जाएँ, गड़बड़ करने वालों की धरपकड़ हो। यह स्पष्ट निर्देश है कि अपराध करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा, जो वैधानिक कार्रवाई हैं, वह सब की जाएंगी।