प्राकृतिक खेती में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य

भोपाल

संचालक किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग और अध्यक्ष नेशनल कोएलीशन फॉर नेचुरल फार्मिंग (एनसीएनएफ) के मध्य आज अधिक प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के लिये एमओयू साइन हुआ। संचालक कृषि श्रीमती प्रीति मैथिल ने कहा हैकि प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने और खेती की लागत में कमी लाकर उनकी आय में वृद्धि करने में एमओयू कारगर साबित होगा। एनसीएनएफ के अध्यक्ष मीर शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुरूप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये निरंतर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के 40 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने, जैविक उत्पादन, उचित मूल्य प्राप्त करने जीवामृत, बीजामृत, गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और रोगों एवं कीटों की रोकथाम के लिये जैविक कीटनाशक तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

प्राकृतिक खेती के द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के बेहतर बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। निरंतर रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से क्षीण हो रही भूमि की उर्वरा शक्ति, नष्ट हो रहे कृषि मित्र केचुएँ और जन्म ले रही मानव जन्य बीमारियों की रोकथाम के लिये प्रदेश में प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में बेहतर तरीके से कार्य करने के प्रयास किये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में अभी 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा रही है, जो देश में सर्वाधिक है। प्राकृतिक खेती के रकबे को बढ़ा कर खेती की लागत में कमी लाई जाकर किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि करने के लिये शासन निरंतर कार्य कर रहा है।

किसानों को जागरूक करने में एनसीएनएफ समान विचारधारा वाले 23 पार्टनर संस्थाओं के साथ मिल कर प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को लाभान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्राकृतिक खेती के लिये एनसीएनएफ द्वारा नेचर पॉजीटिव एग्रीकल्चर एवं नेचर बेस्ड सॉल्यूशन में सहयोग किया जायेगा। इसके अलावा शासन के साथ पॉलिसी एवं क्रियान्वयन के स्तर पर भी सशक्त भागीदारी की जायेगी।